IPL 2023: धोनी के चक्रव्यूह में फंसे हार्दिक? शास्त्री बोले- पांड्या के ‘अहंकार’ के साथ खेलती दिखी CSK की टीम

IPL 2023: Hardik trapped in Dhoni's Chakravyuh? Shastri said – CSK team was seen playing with Pandya's 'ego'

नई दिल्ली। आईपीएल 2022 में नौंवे स्थान पर रहने वाली चेन्नई सुपर किंग्स इस सीजन के फाइनल में पहुंच चुकी है। क्वालिफायर मुकाबले में गुजरात टाइटंस को 15 रनों से हराकर सीएसके दसवीं बार आईपीएल के फाइनल राउंड पहुंची है। फाइनल में पहुंचने के लिए महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी का अहम योगदान रहा।

धोनी भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन कप्तानी की प्रतिभा अभी भी उनके भीतर है। मंगलवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ क्वालिफायर मुकाबले में उन्होंने अपनी माइंड गेम से एक बार फिर पूरा खेल ही पलट दिया। गुजरात के कप्तान हार्दिक पांड्या की बल्लेबाजी के दौरान धोनी ने उनकी मजबूती के साथ खेलते हुए उन्हें पवेलियन का रास्ता दिखाया और बेशकीमती विकेट अपने टीम की झोली में डाल दिया।

हार्दिक पांड्या जब क्रीज पर थे, तब धोनी ने उनके दिमाग के साथ खेलते हुए मैदान में खिलाड़ियों की फील्डिंग पोजिशन बदल दी। पहले पांच ओवर में धोनी ने तेज गेंदबाजों से गेंदबाजी कराई, लेकिन छठे ओवर में उन्होंने स्पिनर महेश तीक्षणा से गेंदबाजी करवाई। हार्दिक ने तीक्षण की गेंद पर मोइन अली के ऊपर से कट लगाने की कोशिश की, लेकिन गेंद फिल्डर के पास गया। यह देखकर धोनी ने फील्डिंग कर रहे रवींद्र जडेजा को बैकवर्ड स्क्वायर से बैकवर्ड प्वाइंट पर बुलाया। हार्दिक ने अगली गेंद पर शॉट मारा जो सीधे रवींद्र जडेजा के हाथों में गई।

हार्दिक पंड्या के आउट होने के बाद कमेंट्री कर रहे रवि शास्त्री ने कहा- “धोनी ने हार्दिक के अहंकार के साथ खेला।” 

मैच के बाद धोनी ने खुद कहा कि वह फील्डिंग पोजिशन बदलते रहने और फील्डर्स को परेशान करने वाले कप्तान हैं। उन्होंने कहा- “जब आपको विकेट मिलने की उम्मीद होती है तो आप मैदान की स्थिति में परिवर्तन करते हैं। मैं बहुत परेशान करने वाला कप्तान हो सकता हूं। मैं दो-तीन फीट में फील्डरों की स्थिति बदलता रहता हूं। अपने फील्डरों से मेरी केवल एक ही विनती रहती है कि उनकी आंखे मेरी तरफ टिकी रहें। अगर कैच छूटता है तो मेरी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी। बस वे सिर्फ मेरी तरफ नजर बनाए रखें।” 

धोनी भले ही बल्ले से कमाल न कर पाए हो, लेकिन अपनी कप्तानी से उन्होंने एक बार फिर कमाल कर दिया। उनकी कप्तानी की प्रतिभा के कारण सीएसके को हार्दिक पांड्या के तौर पर एक अहम विकेट मिला जो टीम को फाइनल तक पहुंचने में मददगार साबित हुई।