छत्तीसगढ़: झीरम कांड पर बोले CM भूपेश- कुछ छुपाना चाहती है BJP, नहीं लिए सरेंडर नक्सलियों के बयान

CG CM bhupesh baghel said on bjp Regarding Jhiram case 2013

रायपुर। झीरम में 25 मई 2013 को हुए नक्सली हमले को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस हमले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने लापरवाही बरती है। जब प्रदेश सरकार ने जांच की डायरी मांगी, तो हमें नहीं दी गई। इस कांड के बारे में कुछ तो है, जिसे छुपाया जा रहा है। भाजपा कुछ तो दबाना और छुपाना चाह रही है। 

मुख्यमंत्री ने रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा में सवाल करते हुए कहा कि हमारे पास इस घटना के पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन किसको दें? क्या उस एनआईए को दें, जिसने झीरम कांड के जीवित लोगों से पूछताछ नहीं की? क्या उस एनआईए से बात करें, जिससे राज्य सरकार ने जांच वापस मांगी, तो वो लोग हाईकोर्ट में चले गए, फिर सुप्रीम कोर्ट चले गए। वे लोग खुद जांच नहीं कर रहे हैं और न ही हमें जांच करने दे रहे हैं। बीजेपी को किस बात की डर है।  

सीएम ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इसका क्या मतलब है। वह केस नहीं देना चाहते हैं। दो-तीन सवाल हैं। वहां से रोड ओपनिंग पार्टी हटाई क्यों गई? पूछ-पूछ कर क्यों मारा गया? पटेल कौन हैं? कर्मा कौन हैं? दिनेश पटेल कौन हैं? बंटी कर्मा कौन हैं? कभी आपने ऐसा करते देखा है कि नक्सली पूछ-पूछ कर मारते हैं? कभी ऐसा किए हैं? जब 4 बजे की घटना थी तो सुरक्षा क्यों नहीं दी गई? बहुत सारे सवाल हैं। फिर एनआईए की कोर्ट ने एनआईए को कहा कि जो नक्सली तेलंगाना में सरेंडर किए हैं, उनका बयान लिया जाए।  एनआईए ने आज तक उनसे पूछताछ नहीं की, बयान नहीं लिया।  

सीएम ने कहा कि इस मामले में जज का ट्रांसफर करा दिया गया। उसके घर में सुलती बम फेंका गया। उसे डराया धमकाया गया। तमाम मीडिया में यह खबरें रहीं। इससे स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी कुछ दबाना-छुपाना चाहती है। इतनी बड़ी घटना थी, इसके बावजूद बीजेपी के नेता उटपटांग बयान दे रहे हैं। यह लोग निर्लज्ज हैं, इन्हें शर्म नहीं आती। इतने लोगों की जान चली गई। कांग्रेस नेताओं और जवानों की जान चली गई। उस पर ये राजनीति करते हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए यह भावनात्मक मामला है। वहीं एक कार्यक्रम में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव को न्योता नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि सबको निमंत्रण भेजा जाता है। यदि वे अतिरिक्त चाहते हैं, तो उन्हें अलग से निमंत्रण भेज दिया जाएगा।  

25 मई को झीरम श्रद्धांजलि दिवस  
बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला करके कांग्रेस नेताओं और सुरक्षाकर्मियों सहित 30 लोगों की हत्या कर दी थी। इस बार राज्य सरकार झीरम घाटी शहादत दिवस को झीरम श्रद्धांजलि दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। जिसकी पूरे प्रदेश में तैयारी चल रही है।