छत्तीसगढ़: सुप्रीम कोर्ट से ED को फटकार, कहा- डर का माहौल न बनाएं, दो याचिकाओं पर एक साथ हुई सुनवाई

रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में ईडी को फटकार लगाई है. छत्तीसगढ़ के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि डर का माहौल न बनाएं. कोर्ट में राज्य की दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई. राज्य सरकार और कारोबारी अनवर ढेबर की याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने ढेबर की अंतरिम जमानत पर एक सप्ताह में ईडी को जवाब प्रस्तुत करने नोटिस जारी किया है.

आपको डर का माहौल नहीं बनाना चाहिए- सुप्रीम कोर्ट

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान राज्य सरकार का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने ईडी पर मौखिक टिप्पणी की. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि आपको डर का माहौल नहीं बनाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को किया जवाब तलब 

कोर्ट की यह टिप्पणी राज्य सरकार के इस दावे के बाद आई है कि ईडी जबरन अधिकारियों पर दबाव बना रही है. राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि आबकारी विभाग के 52 अधिकारियों को “मानसिक, शारीरिक” प्रताड़ना का सामना करना पड़ा. राज्य सरकार के इन आरोपों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से भी जवाब तलब किया है.

ED की टीम दे रही गिरफ्तारी की धमकी- वकील 

पूरे मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के हस्तक्षेप की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष आरोप लगाया कि राज्य के आबकारी विभाग के कई अधिकारियों ने शिकायत की है कि ईडी उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तारी की धमकी दे रहा है और (मुख्यमंत्री) को फंसाने की कोशिश कर रहा है.

बेंच ने कहा कि ये आऱोप बेहद गंभीर 

सरकार ने दावा किया कि अधिकारियों ने कहा है कि वे विभाग में काम नहीं करेंगे. इस पर बेंच ने कहा कि यह हमारे लिए स्पष्ट नहीं है कि सिब्बल द्वारा लगाए गए आरोप सही हैं या नहीं, लेकिन अगर ये आरोप सही हैं तो यह बेहद गंभीर मामला है, जिस पर सुनवाई की जरूरत है.

ईडी बौखलाई हुई है- कपिल सिब्बल

कपिल सिब्बल ने पीठ से कहा कि ईडी बौखलाई हुई है. वे आबकारी अधिकारियों को धमका रही हैं. यह चौंकाने वाली स्थिति है. उन्होंने आरोप लगाया कि चूँकि राज्य में अब चुनाव आने वाले हैं, इसलिए भी ऐसा किया जा रहा है. पीठ ने ईडी के वकील को सरकार की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया.

वहीं ईडी के वकील ने जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस ए अमानुल्लाह को आश्वासन दिया कि उनकी पत्नी करिश्मा अनवर ढेबर को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. अगर वह जांच में मदद करती हैं. अनवर ढेबर की अंतरिम जमानत अर्जी पर नोटिस देते हुए एक सप्ताह में और 29 मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है.