कर्नाटक: सरकार बनने का फॉर्मूला लगभग तय, सिद्धारमैया होंगे CM, डीके समेत तीन बनेंगे डिप्टी CM

बेंगलूरू। कर्नाटक में सरकार बनने का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। कुरुबा कम्युनिटी से आने वाले सिद्धारमैया को CM बनाया जा सकता है। उनके अंडर में तीन डिप्टी CM हो सकते हैं। ये तीनों अलग-अलग कम्युनिटी के होंगे। इनमें वोक्कालिगा कम्युनिटी से आने वाले डीके शिवकुमार, लिंगायत कम्युनिटी से आने वाले एमबी पाटिल और नायक/वाल्मिकी समुदाय के सतीश जारकीहोली शामिल हैं।

हाईकमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार सहित इन दोनों गुटों से जुड़े कुछ विधायकों को दिल्ली बुलाया है। हाईकमान की पूरी प्लानिंग लोकसभा चुनाव को देखते हुए है। अभी कर्नाटक में लोकसभा की 28 में से सिर्फ एक सीट पर कांग्रेस का सांसद है, जो डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश हैं।

अब बड़े मार्जिन से मिली जीत के बाद कांग्रेस चाहती है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में 28 में से कम से कम 20 सीटें पार्टी के खाते में आएं। इसलिए अभी अलग-अलग कम्युनिटी के वोटबैंक को ध्यान में रखते हुए सरकार बनाने की कोशिश है।

कर्नाटक में कुरुबा आबादी 7%, लिंगायत 16%, वोक्कालिगा 14%, SC/ST करीब 27% हैं, यानी कांग्रेस इस फैसले से 64% आबादी को साधना चाहती है।

3 साल बाद सीएम बन सकते हैं डीके
कांग्रेस से जुड़े एक सीनियर लीडर के मुताबिक, सरकार के 5 साल के कार्यकाल में तीन साल सिद्धारमैया और आखिरी के दो साल डीके शिवकुमार को CM बनाया जा सकता है। सिद्धारमैया कुरुबा कम्युनिटी से आते हैं और पिछड़ी जातियों के बीच उनकी मजबूत पकड़ है।

कांग्रेस इसी का फायदा लोकसभा चुनाव में उठाना चाहती है। वहीं, डीके शिवकुमार को डिप्टी CM बनाकर वोक्कालिगा और एमबी पाटिल के जरिए लिंगायतों को साधने की तैयारी है। लिंगायत के प्रमुख मठ से जुड़े महंत भी कह चुके हैं कि कांग्रेस को लिंगायत कम्युनिटी से एक डिप्टी CM जरूर बनाना चाहिए।

हालांकि सूत्र बताते हैं कि विधायक दल की बैठक में डीके शिवकुमार ने दो CM के फॉर्मूले से असहमति जताई। उनका कहना है कि हम दूसरे राज्यों में देख चुके हैं कि ये फॉर्मूला काम नहीं करता।