कोरबा: गौसुलवारा कॉन्फ्रेंस में उमड़ा जनसैलाब, हजारों की भीड़ ने किया सय्यदी का दीदार

कोरबा। कोरबा की सरजमीं पर इस्लाम के नबी हजरत मोहम्मद की 28 वीं पीढ़ी और गौसे आजम (इराक) की 18 वीं पीढ़ी के वंशज एवं प्रिंस ऑफ इराक की आमद से कोरबा में उनके दीदार के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा।कोरबा CSEB चौक से सय्यदी का काफिला निकलते ही फूलों की बारिश शुरू हो गयी TP नगर चौक,शारदा विहार चौक,जामा मस्जिद और फिर कोरबा के कब्रिस्तान पहुच कर मरहुमीन के इसाले सवाब दुआएं मगफिरत की गई ।

वहां से सय्यदी पुरानी बस्ती कियामगाह पहुचे, जहां उनका दीदार करने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। रात 10 बजे सय्यदी घंटाघर ओपेन थियेटर पहुचे, जहाँ हजारों की भीड़ सय्यदी को अपने बीच पाकर खुशी से झूम उठी और पूरे फिजां में नारों की गूंज सुनाई देने लगी। मेरा पीर,तेरा पीर या दस्तगीर या दस्तगीर के नारों से माहौल खुशनुमा हो गया ।

मंच से पैगम्बर मोहम्मद साहब की 28वीं पीढ़ी व गौसे पाक के 18 वीं पीढ़ी के शहजादे औलादे गौसे आजम प्रिंस ऑफ इराक हुजूर “अश्शाह हज़रत अल शेख अल सैय्यद हाशिम अल गीलानी अल हसनी वल हुसैनी अल कादरी अल बगदादी” मदजिल्लहुल आली ने हजरत मोहम्मद एवं हजरत शेख अब्दुल कादिर जिलानी गौसे पाक के कुछ वाक्यातों का जिक्र करते हुए उनकी महत्ता पर प्रकाश डालते हुए हजरत गरीब नवाज के हिंदुस्तान आने के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि गौसे आजम के हुक्म से ही हजरत गरीब नवाज हिन्द में तशरीफ़ लाये और यहां इस्लाम की तबलीग की ।

कार्यक्रम के आयोजक मरकजी सीरत कमेटी की तारीफ करते हुए सय्यदी ने मरकजी सीरत कमेटी के ओहदेदारनो मिर्जा आसिफ बेग(निशु)और मोहसिन मेमन,साबिर खान,रिंकू खान को मंच पर आमंत्रित कर बगदाद शरीफ की निशानी देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों को कलमा पढ़ाकर मुरीद होने की प्रक्रिया को मुकम्मल किया पीरा मजोल नारे तकबीर अल्लाहो अकबर से गूंज उठा ।