कृष्ण जन्मस्थान-ईदगाह प्रकरण: बेगम साहिबा मस्जिद में दबा है श्रीविग्रह, साक्ष्य में पेश कीं इतिहास की पुस्तकें

Shrikrishna Janmasthan Idgah case Decision on Shrivigraha reserved hearing to be held on 25th may

मथुरा। आगरा की बेगम साहिबा मस्जिद के नीचे दबे राम-राम और बैच्छोर के श्रीविग्रहों की अमीन रिपोर्ट के संबंध में सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने एक दफा फिर से साक्ष्य देखे और आदेश को रिजर्व कर लिया। अब इस प्रकरण में 25 मई को सुनवाई होगी। जानकारी रहे न्यायालय को शनिवार को अमीन रिपोर्ट संबंधी निर्णय देना था।

सीढ़ियों के नीचे श्रीविग्रहों को दबाने का सचित्र विवरण 

पक्षकार अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने अदालत के कहने पर उन सभी पुस्तकों को बतौर साक्ष्य अदालत में पेश किया जिनके हवाले से यह दावा किया है। उन्होंने अदालत में फ्रांसीसी लेखक फ्रेंकांज गुटियर द्वारा रूपांतरित पुस्तक औरंगजेबस आईकॉनालिज्म को दिखाया। बताया गया है कि किस प्रकार से औरंगजेब ने मंदिर को तोड़कर उसमें मौजूद ठाकुर केशवदेव के श्रीविग्रहों को आगरा की बेगम साहिबा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया। इस पुस्तक में मंदिर के तोड़ने तथा श्रीविग्रहों को मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाने का सचित्र विवरण है।  

अदालत में पेश की गई पुस्तक 

पक्षकार ने मुंशी देवी प्रसाद द्वारा लिखित पुस्तक औरंगजेबनामा भी अदालत के समक्ष पेश किया। इसके अलावा एम्परर औरंगजेब एंड डिस्टिक्शन ऑफ द टैंपिल-बीएस भटनागर, मेमुआर मथुरा-एफएस ग्राउस, मथुरा जनपद का राजनीतिक इतिहास-चितांमणि शुक्ल आदि पुस्तकों के माध्यम से अदालत को साक्ष्यों से अवगत कराया गया।

न्यायालय ने आदेश किया सुरक्षित 

न्यायाधीश नीरज गोंड ने सुनवाई के बाद आदेश को फिर से रिजर्व कर लिया और अगली सुनवाई की तारीख 25 मई तय की है। पक्षकार एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अदालत द्वारा अगली तारीख से पहले आदेश दे दिया जाएगा। हमारे द्वारा अदालत से बेगम साहिबा मस्जिद की सीढि़यों की अमीन रिपोर्ट की मांग की गई है।