छत्तीसगढ़ः 11 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या, दोषी को एफटीसी ने सुनाई फांसी की सजा, पुष्टि के लिए भेजा हाई कोर्ट

बिलासपुर। दुष्कर्म के एक मामले की सुनवाई के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट बालोद ने 11 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या के दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। सजा की पुष्टि के लिए प्रकरण हाई कोर्ट के हवाले कर दिया है। इसी बीच अभियुक्त एफटीसी(फास्ट ट्रैक कोर्ट) के फैसले को चुनौती देते हुए अपने अधिवक्ता के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में अपील पेश की है। एफटीसी के सजे की पुष्टि और अपील दोनों पर हाई कोर्ट ने सुनवाई प्रारंभ कर दी है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट के फांसी की सजा पर पुष्टि से पहले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के मापदंडों व दिशा निर्देशों का परिपालन करना होगा। लिहाजा हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने अपीलार्थी के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा की पुष्टि से पहले आरोपी के संबंध में समय निर्धारित कर कुछ बिंदुओं पर अनिवार्य रूप से जानकारी लेने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय के माध्यम से राज्य शासन को नोटिस जारी कर अपीलकर्ता की शिक्षा,स्वास्थ्य,मानसिक स्थिति,आर्थिक व सामाजिक स्थितियों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। शासन द्वारा पेश किए जाने वाले जानकारी के आधार पर कोर्ट में सुनवाई प्रारंभ होगी। डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि अपीलार्थी का आपराधिक पृष्ठभूमि रहा हो तो उसकी भी पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। फांसी की सजा की पुष्टि और एफटीसी के फैसले के खिलाफ अपील पर जस्टिस संजय के अग्रवाल व जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। दुष्कर्म पीड़िता व मृतक बेटी के पिता ने पुलिस थाने में अपनी बेटी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पिता ने कहाकि पांच जून 2017 से उसकी बेटी घर से कहीं चली गई है और कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। पुलिस ने खोजबीन शुरू की। दो दिन बाद बच्ची की लाश कोकान घाटी के जंगल में मिली। नौ जून 2017 को पुलिस ने संदेह के आधार पर झग्गर सिंह यादव को हिरासत में लिया व पूछताछ शुरू की। झग्गर राम ने बताया कि पांच जून 2017 को पड़ोसी में रहने वाली 11 वर्षीय बालिका को घुमाने के बहाने जंगल की ओर ले गया। वहां बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। पहचान छिपाने के लिए बालिका की हत्या कर दी और लाश को जंगल में फेंक दिया। पुलिस ने झग्गर राम के खिलाफ अपहरण,दुष्कर्म और हत्या के आरोप में जुर्म दर्ज कर जेल भेज दिया। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है।

शीर्ष अदालत के गाइड लाइन के अनुसार मांगी जानकारी

आरोपी की पारिवारिक पृष्ठभूमि,बच्चों की सुरक्षा,पत्नी व बच्चों के बारे में जानकारी, बच्चों की शिक्षा,आर्थिक भरणपोषण की वास्तविक स्थिति,पूर्व में किसी तरह के अपराध में संलिप्तता तो नहीं रही। रही तो सजायाफ्ता तो नहीं है। आय और रोजगार के साधन व प्रकार,आरोपी की मानसिक स्थिति कैसी है। मानसिक अवसाद तो नहीं। मनोवैज्ञानिक समस्या तो नहीं।