छत्तीसगढ़ः सहायक प्राध्यापक, नर्सिंग और डेमोस्ट्रेटर की भर्ती निरस्त, हाईकोर्ट ने महिलाओं के 100 फीसदी आरक्षण को माना असंवैधानिक

बिलासपुर। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके व्यास की डिवीजन बेंच ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से की जा रही सहायक प्राध्यापक और डेमोस्ट्रेटर नर्सिंग के पदों की भर्ती को निरस्त कर दिया है। साथ ही किसी भी भर्ती में महिलाओं के लिए 100% आरक्षण को असंवैधानिक माना है।

पूर्व में इस याचिका की सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने राज्य शासन और PSC से जवाब मांगा था, जिस पर शासन ने जवाब प्रस्तुत कर दिया है। इसमें बताया गया कि जिन नर्सिंग कॉलेजों में भर्ती की जा रही है वहां सिर्फ महिला वर्ग ही दाखिला ले सकती हैं। महिला वर्ग की पढ़ाई के लिए महिला स्टॉफ की व्यवस्था करने के लिए यह नियम बनाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ताओं की तरफ से किसी भी भर्ती में महिलाओं को 100% आरक्षण को असंवैधानिक बताया। साथ ही कहा कि इस तरह की भर्ती कर आरक्षण नियमों के खिलाफ है। गुरुवार को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में इस केस की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भी 100% महिला आरक्षण को असंवैधानिक बताते हुए भर्ती को निरस्त करने का आदेश दिया है।

दरअसल छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग ने दिसंबर 2021 में सहायक प्राध्यापक नर्सिंग और डेमोस्ट्रेटर नर्सिंग के 91 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें राजपत्र में जून 2013 में चिकित्सा शिक्षा (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम के अनुसार इन पदों के लिए सिर्फ महिलाओं को ही पात्र माना गया है। जारी विज्ञापन में भी सिर्फ महिलाओं को ही भर्ती करने का उल्लेख किया गया है। PSC की भर्ती प्रक्रिया और भर्ती नियम 2013 को चुनौती देते हुए कोरिया के ऐल्युस खलखो, आदित्य सिंह ने अधिवक्ता घनश्याम कश्यप और नेल्शन पन्ना के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में इसे आरक्षण नियमों के विपरीत बताया गया है। साथ ही कहा है कि जिन पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। उसकी पढ़ाई पुरुष वर्ग के प्रतियोगी भी करते हैं। लेकिन, इन पदों पर उन्हें नियुक्ति के लिए वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 में दिए गए आरक्षण नियमों का उल्लंघन है। चीफ जस्टिस अरूण कुमार गोस्वामी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता के तर्कों पर सहमति जताते हुए अगली सुनवाई तक PSC के विज्ञापन और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

अब नए आरक्षण रोस्टर के अनुसार होगी भर्ती
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद नर्सिंग कॉलेजों में नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश पर अलग से आरक्षण रोस्टर बनाया जाएगा। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब नर्सिंग कॉलेजों में आरक्षण नियम के अनुसार सभी वर्ग के उम्मीदवारों को मौका मिल सकेगा।