एड्स बांट रहे स्वास्थ्यकर्मीः निमोनिया ठीक कराने गए चार मासूम HIV संक्रमित, ऐसे हुआ खुलासा, घर वालों में दहशत

एटा : उत्तर प्रदेश के एटा जिले में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। स्वास्थ्यकर्मियों की बेपरवाही से चार मासूम एड्स के शिकंजे में आ गए। रिपोर्ट आने के बाद से घर वाले परेशान हैं। उनकी नींद हराम हो गई है।

वीरांगना अवंतीबाई स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही सामने आई है। जिसके चलते चार बच्चों में एचआईवी होने का खतरा बन गया है। यहां वार्ड में भर्ती पांच बच्चों को एक सिरिंज से इंजेक्शन लगाने का आरोप है। इनमें से एक बच्ची एचआईवी से संक्रमित है। जिला प्रशासन से शिकायत के बाद एचआईवी से बचाव के लिए चारों बच्चों का इलाज शुरू कर दिया गया है।

कासगंज जिला निवासी एक आठ वर्षीय बच्ची को सांस लेने में दिक्कत के साथ खांसी की समस्या थी। परिजन उसका इलाज कराने 20 फरवरी को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टर ने उसे भर्ती कर लिया। उन्होंने निमोनिया की आशंका पर इलाज शुरू किया। लाभ न मिलने पर उसकी टीबी की जांच कराई। रिपोर्ट निगेटिव आई।

बच्ची सहित चार अन्य बीमार बच्चे थे भर्ती

इसके बाद आशंका होने पर 27 फरवरी को उसकी HIV की जांच कराने के लिए सैंपल लिया गया। एक मार्च को रिपोर्ट आई। इसे देखकर परिजन के होश उड़ गए। बच्ची की HIV की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। उसी वार्ड में शहर निवासी सात वर्षीय बच्ची सहित चार अन्य बीमार बच्चे भी भर्ती थे। शहर निवासी एक व्यक्ति ने बताया कि शुक्रवार की शाम एक डॉक्टर बच्चों को देखने आए। उन्होंने ड्यूटी पर तैनात स्टाफ से कहा कि एक बच्ची HIV संक्रमित है।

बचाव संबंधी एक महीने का कोर्स दिया गया

बताया कि स्टाफ ने HIV संक्रमित बच्ची को इंजेक्शन लगाकर उसी निडिल से मेरी बच्ची और वार्ड में भर्ती अन्य बच्चों के इंजेक्शन लगाया था। रिपोर्ट आने पर शुक्रवार की शाम को विरोध किया। इस पर कॉलेज के कर्मचारियों ने संक्रमित बच्ची को घर भेज दिया। वहीं उसकी बच्ची की रात 12 बजे छुट्टी कर दी गई। लेकिन, हम उसे लेकर नहीं गए। एक अन्य बच्चे की मां ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं। चारों बच्चे भर्ती हैं। उन्हें शनिवार को HIV से बचाव संबंधी एक महीने का कोर्स दिया गया है।

एडीएम बोले- जांच के बाद कार्रवाई होगी

एडीएम प्रशासन आलोक कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। प्रावधान है कि सिरिंज को एक ही बार एक मरीज के प्रयोग में लिया जाए। आरोप लगाए गए हैं। मामले की जांच कराकर दोषी कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।