छत्तीसगढ़ः लापता परिवार के जिंदा होने के मिले पुख्ता सबूत,कार में लगी भीषण आग के बाद से लापता है परिवार

कांकेर। कांकेर में 1 मार्च की रात कार में लगी भीषण आग के बाद से लापता परिवार के जिंदा होने के पुख्ता सबूत पुलिस को मिले हैं। एसपी शलभ सिन्हा ने यह साफ कर दिया है कि 1 मार्च की रात जिस दिन चारामा के पूरी गांव के पास कार में आग लगी, उस रात समीर सिकदार ने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ धमतरी के आशियाना होटल में रात बिताई थी।

इससे ये बात अब साफ हो चुकी है कि समीर सिकदार (29 वर्ष), उसकी पत्नी जया (26 वर्ष) और दोनों बच्चे दीप (7 वर्ष) और कृतिका (4 वर्ष) जिस वक्त कार में आग लगी, उस दौरान उसमें मौजूद नहीं थे। कांकेर पुलिस की टीम जांच के दौरान धमतरी के आशियाना होटल पहुंची थी, जहां की महिला कर्मचारी ने फोटो देखकर चारों की शिनाख्त की है। साथ ही होटल में रुकने के दौरान जमा किए गए आधार कार्ड की फोटो कॉपी और होटल के रजिस्टर में एंट्री भी मिली है।

इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पर ये भी पाया गया कि घटना 1 मार्च को हुई, जबकि समीर और उसके परिवार ने 2 मार्च की सुबह होटल से चेक आउट किया। बुधवार रात करीब 8 बजकर 46 मिनट पर चारों ने होटल में चेक इन किया है। इसके बाद पति-पत्नी और दोनों बच्चे अपनी कार से वहां से निकलते हैं। फिर दोबारा रात करीब साढ़े 9 बजे कार से वापस होटल आते हैं। महिला दोनों बच्चों के साथ गाड़ी से उतरती हुई भी नजर आ रही है। होटल के कर्मचारी और रिकॉर्ड के अनुसार, अगली सुबह समीर सिकदार वापस होटल पहुंचकर परिवार को लेकर वापस निकल गया है, जिसके बाद से सभी लापता हैं।

एसपी का कहना है कि जांच में पता चला है कि पत्नी और दोनों बच्चों को 1 मार्च को होटल में उतारने के बाद समीर खुद कार लेकर चला गया। इसके बाद पूरी गांव के पास कार में आग लगी हुई मिली। 2 मार्च की सुबह वह वापस धमतरी अपने परिवार के पास आशियाना होटल में लौट आया और वहां से पत्नी-बच्चों को लेकर निकल गया और तब से पूरा परिवार अंडरग्राउंड हो गया है। एसपी शलभ सिन्हा का कहना है कि जिस तरह से पूरी घटना हुई है, इससे ये साफ हो गया है कि मामले में किडनैपिंग का कोई एंगल नहीं है और ये भी साफ हो गया है कि सभी जीवित हैं।

उन्होंने आशंका जताई कि कार में आग लगने या लगाने की घटना भी पूर्व नियोजित है और इसमें समीर सिकदार का ही हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूरे परिवार की तलाश जारी है। ये सब क्यों किया गया और इन सबके पीछे की क्या वजह है वो पति-पत्नी के मिलने के बाद ही पता चल पाएगा। एसपी ने कहा कि दोनों पति-पत्नी के कॉल डिटेल भी खंगाले जा रहे हैं, ताकि पता चल सके कि वे किन-किन लोगों के संपर्क में थे और घटना वाले दिन उनकी बात किससे-किससे हुई थी।

इसके अलावा उस इलाके में जहां-जहां भी सीसीटीवी कैमरा हैं, उनके फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं, ताकि ये पता चल सके कि परिवार किस ओर गया है। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी खुद ही छिप रहे हैं, उन्हें कोई लेकर नहीं गया है।

जब 1 मार्च को चारामा थाना क्षेत्र के पूरी गांव के पास कार में भीषण आग और उसमें पति-पत्नी और 2 बच्चों के जिंदा जल जाने की आशंका वाली खबर सामने आई, तो प्रदेश में सनसनी मच गई थी।पूरे परिवार के जिंदा जल जाने की घटना बड़ी थी, लेकिन जगदलपुर से पहुंची फॉरेंसिक टीम ने साफ कर दिया था कि कार में किसी भी मानव शव के होने की कोई संभावना नहीं है। घटनास्थल की पूरी तरह जांच की गई, लेकिन सवाल बड़ा था कि अगर कार में कोई इंसान नहीं जला है, तो फिर आखिर परिवार कहां लापता हो गया?

जब परिवार का कुछ पता नहीं चल पा रहा था, तो एक बार पुलिस ने फिर से कार और घटनास्थल की जांच का मन बनाया। इसके लिए रायपुर से भी फॉरेंसिक एक्सपर्ट बुलाए गए। शुक्रवार को रायपुर से पहुंची फॉरेंसिक टीम ने भी जांच के बाद ये साफ कर दिया कि कार में लगी आग से जलकर किसी भी इंसान की मौत नहीं हुई है। डॉग स्क्वॉड से भी दोबारा जांच कराई गई, लेकिन 50 मीटर दूर जाकर डॉग रुक जा रहा था।