छत्तीसगढ़ः हॉस्टल में छात्रों ने देखी ‘इंडिया-द मोदी क्वेश्चन’, लगे संविधान जिंदाबाद के नारे, हुआ विरोध भी

रायपुर में इस फिल्म के पहले सार्वजनिक प्रदर्शन में 30-40 छात्र मौजूद रहे। - Dainik Bhaskar

रायपुर। गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका पर सवाल उठाती बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री इंडिया: द मोदी क्वेश्चन का विवाद रायपुर भी पहुंच गया है। केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित कर दिया है। इसका देश में प्रदर्शन रोक दिया गया।

इस बीच रायपुर के पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में 26 जनवरी की रात इस फिल्म की स्क्रीनिंग हुई। इस दौरान छात्रों के एक दूसरे गुट ने विवादित प्रदर्शन का विरोध किया, जिसकी वजह से थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ।

बताया जा रहा है, दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के दौरान प्रशासन ने बिजली काट दी थी। फिल्म देख रहे विद्यार्थियों के समूह पर पत्थरबाजी भी हुई। उसके बाद से कई विश्वविद्यालय परिसरों में इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर छात्रों के बीच चर्चा तेज हो गई थी। छात्रों के एक समूह ने 26 जनवरी की रात रायपुर की पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी के पॉवरग्रिड हॉस्टल में इसका सार्वजनिक प्रदर्शन किया।

बताया जा रहा है यह प्रदर्शन हॉस्टल के कॉमन रूम में किया गया। यहां करीब दो घंटे तक बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री चलाई गई। इस दौरान हॉस्टल में रहने वाले कुछ छात्रों ने इस तरह के प्रदर्शन का विरोध भी किया। उनका कहना था कि इस तरह सरकार को भड़काने से छात्रों का नुकसान हो सकता है। इस दौरान थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ लेकिन फिल्म का प्रदर्शन जारी रहा। बाद में गणतंत्र दिवस अमर रहे और संविधान जिंदाबाद जैसे नारे भी लगे।

जानकारी के बाद प्रशासन ने चेतावनी दी

बताया जा रहा है, प्रदर्शन के अगले दिन विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी सूचना मिली। उसके बाद हॉस्टल के कुछ छात्रों को चेतावनी दी गई है। उसके बाद से हॉस्टल के छात्र इस मामले पर किसी भी तरह की बातचीत से बच रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी इसपर चुप्पी साध ली है।

दो भागों में डॉक्यूमेंट्री, भारत में प्रतिबंधित

बीबीसी ने इस डॉक्यूमेंट्री में गुजरात दंगों और उसमें सत्ता प्रतिष्ठान खासकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को दिखाने की कोशिश की है। यह दो भागों में है जिसका पहला भाग 17 जनवरी और दूसरा भाग 24 जनवरी को जारी किया गया। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट्री के पहले एपिसोड को दिखाने वाले तमाम वीडियो को यूट्यूब से हटाने का निर्देश दिया है। वीडियो के किसी भी हिस्से को ट्विटर पर भी शेयर करने से रोक भी लगाई गई है। ऐसे सारे ही लिंक को ब्लॉक करने को कहा गया है। सरकार इसे भारत विरोधी प्रोपगंडा फिल्म बता रही है।