26 January: गणतंत्र दिवस पर फ्लाईपास्ट में शामिल हुए तीनों सेना के 50 विमान, राफेल और सुखोई आसमान में गरजे

वायुसेना का फ्लाईपास्ट

नई दिल्ली। 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने तीनों सेनाओं वायुसेना, नौसेना और सेना के 50 विमानों व हेलीकॉप्टरों के साथ एक शानदार फ्लाईपास्ट और एयर डिस्प्ले प्रस्तुत किया। इस एयर डिस्प्ले में वायु सेना के 45 विमान, नौसेना का एक और सेना के चार हेलीकॉप्टर शामिल हुए। इन विमानों ने एयरोबेटिक्स और पेशेवर कौशल का शानदार प्रदर्शन किया।

वायुसेना के विमानों ने पहले बाज फ़ॉर्मेशन बनाया जिसमें तीन मिग-29 विमान शामिल हुए उन्होंने वीआईसी सोपान में उड़ान भरी। वहीं प्रचंड फॉर्मेशन में दो अपाचे हेलीकॉप्टरों के साथ लीड में एक एलसीएच  विमान और दो एएलएच एमके-29 विमानों ने करतब दिखाया। पांचों विमानों ने एरो फॉर्मेशन में उड़ान भरी। 

प्रचंड के बाद पांच सारंग (एएलएच) विमानों ने आसमान में लैडर फॉर्मेशन में उड़ान भरकर तिरंगे की छवि बनाई। इसके बाद तंगेल फॉर्मेशन का निर्माण किया गया जिसके लीड में एक डकोटा विमान था। उसके साथ दो डोर्नियर विमान थे। उन्होंने विक फॉर्मेशन में उड़ान भरी।

तंगेल के बाद वज्रआंग फॉरमेशन में चार राफेल विमानों के साथ एक सी-130 विमान ने उड़ान भरा। बाद में, आईएल 38 एसडी और एएन 32 एसी के साथ गरुड़ फॉर्मेशन का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावे तीनों सेनाओं के विमानों ने  नेत्रा, भीम, अमृत, त्रिशुल और विजय फॉर्मेशन का प्रदर्शन किया।

आजादी के 75वें वर्ष में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाए जा रहे पिछले साल के समारोहों को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर उत्साह, देशभक्ति और ‘जन भागीदारी’ का प्रदर्शन किया गया। सप्ताह भर चलने वाला यह समारोह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को शुरू हुआ था। इन कार्यक्रमों का समापन 30 जनवरी को होगा जिसे शहीद दिवस के रूप में मनाया जाना है। 

राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कोहरे की घनी चादर के कारण दृश्यता का स्तर कम होकर करीब 800 मीटर होने की वजह से परेड देखने आए लोग फ्लाई-पास्ट का पूरी तरह आनंद नहीं उठा सके। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान हर साल फ्लाई-पास्ट आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है। 

इस बार परेड के दौरान लोग अपने मोबाइल कैमरे से इस रोंगटे खड़े कर देने वाले नजारे को कैद करना चाह रहे थे, लेकिन आसमान में कोहरे और धुंध की चादर के कारण ऐसा नहीं हो सका। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार दोपहर 12 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 287 के स्तर पर था जो बुधवार को शाम चार बजे के 160 के स्तर के बाद, तेजी से बिगड़ा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि सुबह सात बजे दृश्यता का स्तर 600 मीटर था जो पूर्वाह्न 11 बजे सुधरकर 800 मीटर हो गया।