छत्तीसगढ़ः राजधानी में जुटे प्रदेशभर के कर्मचारी, अनियमित बइठका में लगा नारा- ‘अर्जेंट करो हमको परमानेंट करो’, 45 हजार संविदाकर्मी जाएंगे हड़ताल पर

रायपुर। राजधानी में रविवार को प्रदेशभर से बड़ी तादाद में कर्मचारी जुटे। अनियमित कर्मचारियों द्वारा इस सभा को नाम दिया “अनियमित बइठका”, कर्मचारियों के इस विरोध प्रदर्शन का प्रमुख एजेंडा रहा निमितीकरण। ये सभी कर्मचारी चाहते थे कि उन्हें जल्द से जल्द नियमित किया जाए। सड़क पर उतरकर इन कर्मचारियों ने नारा लगाया, आज करो अर्जेंट करो, हमको परमानेंट करो। 16 जनवरी सोमवार से प्रदेश के संविदाकर्मी भी हड़ताल पर जा रहे हैं।

कर्मचारियों के बइठका में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भी पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों ने कहा कि प्रदेश में कर्मचारी वर्ग को डराने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाया गया है। ताकि लोग विरोध न कर सकें। मगर कर्मचारियों को डरना नहीं है, आपकी एकता मजबूत होगी तो कोई किसी का कुछ बिगाड़ नहीं सकेगा।

छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के बैनर तले हुए इस विरोध प्रदर्शन में संगठन के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि इस बैठक में प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत,कर्मचारी समेत अलग-अलग वर्ग के सभी अनियमित कर्मचारी पहुंचे। यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आमंत्रित किया गया था, मगर वो नहीं पहुंचे।

रमन सिंह समर्थन देने पहुंचे।

रमन सिंह समर्थन देने पहुंचे।

कर्मचारी रैली निकालकर सड़क पर भी उतरे और जिला प्रशासन के अफसरों को ज्ञापन भी सौंपा। आम आदमी पार्टी के मुन्ना बिसेन ने कहा कि आम आदमी पार्टी प्रदेश में कर्मचारियों के संघर्षों के साथ है। इस बइठका में प्रदेश भर से 52 अनियमित संगठन एवं 81 से अधिक कार्यालय के हजारों कर्मचारी रायपुर आए थे।

10 दिन में रेगुलर करने का वादा था
कांग्रेस साल 2022 के चुनावी वादे में कर्मचारियों को 10 दिन में नियमित करने का वादा किया था। कांग्रेस ने जन-घोषणा (चुनावी वचन पत्र) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” ऐसी बात लिखी थी। कर्मचारी संगठनों के तब चुनाव से पहले हुए आंदोलनों में कर्मचारियों के बीच जाकर नेताओं ने कहा था कि वो उन्हें नियमित करेंगे मगर ये वादा अब तक अधूरा है।

छंटनी हो रही है
संगठन के प्रांतीय सह-संयोजक प्रेम प्रकाश गजेन्द्र ने बताया की कांग्रेस के उन वादों से हम काफी आशान्वित थे परन्तु वादा एवं घोषणा के विपरीत अनियमित कर्मचारियों की निरंतर छटनी की जा रही है। और पिछले 3 साल से संविदा वेतन एवं 5 साल से न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की गई। हमनें मंत्रियों से मिलने का समय मांगा,लेकिन हमें वक्त तक नहीं दिया गया।

अब 45 हजार कर्मचारियों की हड़ताल
प्रदेश के सभी जिलों में शासकीय विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारी 16 से 20 जनवरी तक छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सामूहिक हड़ताल में रहेंगे। इसकी सूचना व ज्ञापन अपने विभाग एवं जिला प्रशासन को कर्मचारियों ने दे दी है। महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष कौशलेष तिवारी ने बताया कि अनियमित कर्मचारियों की मांग पूरी करने का वादा किया गया था। संविदा कर्मचारियों के मानदेय में भी 4 साल से वृद्धि नही हुई है। अब संविदा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है, जबकि दूसरे राज्यों में संविदा कर्मचारियों के भविष्य को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिए जा रहे हैं। इसलिए अब कर्मचारियों ने हड़ताल का एलान कर दिया है।