छत्तीसगढ़ः सीएम भूपेश ने कहा- धर्मांतरण के नाम पर राजनीति करती है BJP, जहां इनकी सरकार- वहां चुप क्यों?

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के लिए सिहावा विधानसभा रवाना हुए. इस दौरान हेलीपैड पर पत्रकारों से चर्चा की. तीन चौथाई विधानसभा कवर करने पर और विधायकों की रिपोर्ट पर सीएम बघेल ने कहा, मुख्य रूप से शासकीय योजना गरीबों की योजना है. चाहे राशन देने की बात हो या भूमिहीन कृषक मजदूर योजना या अन्य योजना, सभी योजनाओं का लाभ आम जनता उठा रही है.

सीएम बघेल ने कहा, 5 जगह चुनाव हुए, जहां रिजल्ट हमारे फेवर में आया. भेंट मुलाकात कार्यक्रम के जरिए विधायकों को भी लगातार उनके कार्य बताए जा रहे हैं. जब कार्य अच्छा होगा तो टिकट काटने जैसी कोई बात नहीं आएगी, लेकिन अगर स्थिति नहीं सुधरी तो आगे निर्णय किया जाएगा.

गोबर से भी पेंट बनाए जाने के सवाल पर सीएम ने कहा, गोबर से पेंट बनाए जाने के अलावा और भी अनेकों कार्य आगे किए जाएंगे. जैसे अब गोठान बिजली उत्पादन केंद्र के रूप में उभर रहा है. अब गांव की महिलाएं बिजली उत्पादन करेंगी. जो कार्य बड़े लोगों द्वारा किया जाता था वो अब ग्राम की महिलाए करेंगी.

धर्मांतरण के सवाल पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा धर्मांतरण के नाम पर राजनीति करती है. इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता की लोगों को इससे क्या तकलीफ है. मध्यप्रदेश में भी धर्मांतरण हो रहा है, लेकिन जहां इनकी सरकार नहीं है ये केवल वही विरोध करते हैं. नॉर्थ ईस्ट में तो इनकी सरकार है फिर वहां चुप क्यों है. भाजपा को वहां भी विरोध करना चाहिए, जहां उनकी सरकार है.

मुख्यमंत्री बोले, हमारा कोई एक ग्रंथ नहीं, हम बहुत से ग्रंथों-ऋषियों को मानने वाले

राहुल गांधी के तपस्वी और पुजारी वाले बयान से खड़े हुए विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा, दूसरे देशों में एक धर्म है, एक ग्रंथ है, एक उनका ईष्ट है। हमारा देश ऐसा है जहां अलग-अलग मान्यता के लोग हैं। हम यह नहीं कह सकते हैं कि यह हमारा सर्वमान्य ग्रंथ है। हम गीता पढ़ते हैं, वेदों को मानते हैं, उपनिषद मानते हैं, रामायण को मानते हैं। हमारा कोई एक ग्रंथ नहीं है। हमारे बहुत सारे ग्रंथ हैं। हमारे बहुत से ऋषि भी हैं। किसी एक ऋषि की बात को प्रमाणित नहीं मान सकते। वह भी प्रमाणिक है, लेकिन दूसरे ऋषि बोले हैं वह भी हमारे लिए प्रमाणिक है। उसी तरह से हमारे ईष्ट भी बहुत हैं। हम शिव को मानते हैं, कृष्ण को मानते हैं, राम को मानते हैं, गुरु को मानते हैं। ये देश तो ऐसा है जहां गुरु को ईश्वर के समकक्ष खड़ा कर दिया गया है। गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपनो गोविंद दियो बताय।

गुरु जो है वह इंसान है, वह अपने तप से, अपने अध्ययन से, अपने ध्यान से योग से इतनी ऊंचाई प्राप्त कर लेता है कि वह ईश्वर के समकक्ष हो जाता है। भक्ति आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि गुरु जो है वह गोविंद के बराबर है। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की मान्यताएं हैं, बहुत सारे रास्ते हैं। खट्‌टर जी को कुछ समझ-वमझ आना नहीं है। भक्त और भगवान के बीच संबंध क्या होता है यह तो कोई भक्त ही जान सकता है। खट्‌टर जी यह नहीं समझ पाएंगे।