बिहार में बिना एनेस्थीसिया कर दी गई महिलाओं की नसबंदी, दर्द से चिल्लाने पर बंद कर दिया गया मुंह

अलौली/परबत्ता (खगड़िया)। बिहार में महिलाओं की नसबंदी में बड़ी लापरवाही सामने आयी है। यहां नसबंदी कराने वाले महिलाओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें बिना सुन्न किए (एनेस्थीसिया दिए बिना) नसबंदी ऑपरेशन कर दिया गया। इस दौरान जब वह दर्द से चिल्लाने लगीं तो उनका मुंह दबाकर बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं महिलाओं ने पूरे ऑपरेशन प्रोसेस को लेकर भी कई गभीर आरोप लगाए हैं। इसके बाद से बिहार के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

महिलाओं ने कहा- अमानवीय तरीके से किया नसबंदी

नसबंदी कराने वाली महिलाओं का कहना है कि एक एनजीओ द्वारा नसबंदी शिविर लगवाया गया था। यहां ऑपरेशन का कोई इंतजाम नहीं था। एनेस्थीसिया न होने के कारण नसबंदी ऑपरेशन के दौरान मेडिकल स्टॉफ ने महिलाओं के हाथ, पैर कसकर पकड़ लिए और मुंह बंद कर दिया ताकि चीख न सकें। इस अमानवीय तरीके से एक के बाद एक कई महिलाओं की नसबंदी की गई। शिविर में एक प्राइवेट एजेंसी ग्लोबल डेवलपमेंट इनीटीवेट ने महिलाओं का ऑपरेशन किया था।

अस्पतालों में शिविर लगायी गई थी

जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकारी अस्पतालों में शिविर लगाकर नसबंदी आपरेशन किया जा रहा है। इस दौरान खगड़िया जिले के परबत्ता और अलौली सीएचसी में भयंकर लापरवाही सामने आई है। मामला तूल पकड़ने के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आई है। 11 नवंबर को परबत्ता सीएचसी में नसबंदी को आई महिलाओं को बेहोशी की सूई देकर आपरेशन को लेकर भेड़-बकरी की तरह फर्श पर ही लिटा दिया गया। यह आपरेशन शिविर एनजीओ एफआरएचएसआइ की ओर से लगाया गया था। मामला तूल पकड़ने पर एफआरएचएसआइ और परबत्ता सीएचसी प्रशासन आमने सामने आ गया। एक-दूसरे पर दोषारोपण शुरू हो गया। परबत्ता प्रखंड प्रमुख रीता कुमारी ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

एनजीओ पर लगे कई आरोप

दूसरी ओर 12 नवंबर को अलौली सीएचसी में 23 महिलाएं नसबंदी कराने आई। यहां नसबंदी शिविर एनजीओ ग्लोबल डवलपमेंट इनिसिएटिव, दरभंगा की ओर से लगाया गया था। यहां नसबंदी को आई कुछेक महिलाओं का आरोप है कि बिना बेहोशी (सुन्न किए जाने वाली सूई) की सूई लगाए ही आपरेशन कर दिया गया। कुछ महिलाओं के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों ने हाथ-पांव जकड़ दिया और आपरेशन कर दिया। अलौली की कुमारी प्रतिमा ने आरोप लगाया है कि बेहोश नहीं किया गया। चार आदमी ने हाथ-पैर पकड़ कर आपरेशन करा दिया। मालूम हो कि यहां आपरेशन सर्जन डा. गुल सनोवर ने किया। जिन्हें संबंधित एनजीओ ने लाया था। इधर अलौली सीएचसी प्रभारी डा. मनीष कुमार का कहना हुआ कि इस तरह की शिकायत अलौली की ही कुमारी प्रतिमा ने ही की है। बीते बुधवार को मैं और सिविल सर्जन ने उनसे भेंट भी की है। पेशेंट ठीक है।

सरकारी गाइड लाइन का उल्‍लंघन

सरकारी गाइड लाइन है कि जहां नसबंदी आपरेशन करना है वहां सूई लगाकर सुन्न करना है। इस दौरान पेशेंट से बातचीत करते रहना है। उन्हें विश्वास में लेना है। इस तरीके में पेशेंट को भूखा नहीं रहना पड़ता है। अगल से एनेथिसिया के डाक्टर की सेवा नहीं लेनी पड़ती है। जिले में एनेथिसिया के डाक्टर की पहले से ही कमी है। नया तरीका है। इसलिए कई पेशेंट अचंभित रह जाते हैं। कापरेट नहीं करते हैं। – डा. गुल सनोवर

बोले सीएस

इस मामले में अलौली सीएचसी प्रभारी से स्पष्टीकरण पूछा गया है। डा. गुल सनोवर जिस एनजीओ के तहत नसबंदी आपरेशन को आए थे, उस एनजीओ का अनुबंध रद किया जा रहा है। परबत्ता के मामले में वहां के बीसीएम की लापरवाही सामने आई है। – डा. अमरनाथ झा, सिविल सर्जन, खगड़िया।