छत्तीसगढ़ः IAS विश्नोई और कोयला कारोबारियों को जेल, सूर्यकांत बोला-राजनीतिक साजिश हुई, जल्दी ही करूंगा खुलासा, कोर्ट ने नहीं दी जमानत 

रायपुर। रायपुर की अदालत में दोपहर से शाम तक करीब 3 घंटे चली सुनवाई के बाद अदालत ने फैसला दे दिया। कोर्ट ने फिलहाल गिरफ्तार आरोपियों को राहत नहीं दी। इसके बाद IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबार से जुड़े लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत तिवारी को 12 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

इससे पहले दोपहर करीब 3 बजे के आस-पास सभी आरोपियों को ED की टीम ने अदालत में पेश किया। सुनवाई के बाद सूर्यकांत तिवारी कोर्ट रूम से बाहर आया। मीडिया के सवालों पर उसने कहा कि उसके खिलाफ राजनीतिक साजिश हुई है। साजिश करने वाले नामों का खुलासा जल्द करूंगा। तिवारी ने ये भी कहा कि ED ने मेरे खिलाफ झूठा मामला बनाया है। सभी आरोप बेबुनियाद हैं। न्यायपालिका पर भरोसा, जल्द ही सच उजागर होगा।

23 नवंबर को फिर होंगे पेश

बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि हमने राहत देने की मांग अदालत से की थी। कल इसी पर बहस हुई थी आज इसी पर बहस हुई। दलीलों के सुनने के बाद अदालत ने 12 दिन की न्यायिक रिमांड का आदेश जारी कर दिया है। 23 नवंबर को फिर से सभी आरोपियों को पेश किया जाएगा। वकीलों की टीम ने राहत देने की दलीलें दी। जिसे मानने से रायपुर की कोर्ट ने इनकार किया।

शुक्रवार को पेशी के बाद समीर।

शुक्रवार को पेशी के बाद समीर।

अब तक सूर्यकांत तिवारी ED की कस्टडी में रह रहे थे। अन्य कारोबारी समेत IAS विश्नोई को जेल भेजा गया था।गुरुवार को रायपुर की अदालत ने इन्हें एक दिन के लिए जेल भेजा था। शुक्रवार को ये मियाद खत्म होने की वजह से इन्हें फिर से पेश किया गया। गुरुवार को बचाव पक्ष के वकीलों ने कर्नाटक हाईकोर्ट के स्टे का हवाला देकर राहत मांगी थी।

गिरफ्तारी के बाद सूर्यकांत तिवारी।

गिरफ्तारी के बाद सूर्यकांत तिवारी।

केस में आ चुका है स्टे
बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने गुरुवार को बताया था, ED ने छत्तीसगढ़ से ही संबंधित मामले के कर्नाटक के बेंगलुरु में केस दर्ज कराया। इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्टे कर दिया है। गुरुवार को सुनवाई में बचाव पक्ष ने कहा, अगर मूल एफआईआर पर किसी कार्रवाई से स्टे मिल गया है तो उससे संबंधित सभी कार्रवाईयां रुक जानी चाहिए। इस मान से ED की यह पूछताछ भी गैरकानूनी होगी। इसलिए सभी आरोपियों को तत्काल रिहा किया जाए।