रन बनाते रहे कोहली, फिर भी खाली टीम इंडिया की झोली, 8 साल से नहीं बदली कहानी

नईदिल्ली I साल बदल गए, कई किरदार भी बदल गए. नहीं बदली तो बस एक कहानी आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट राउंड में भारत की हार और एक अदद खिताब से दूरी बरकरार. एक साल के अंदर दूसरी बार भारतीय टीम टी20 विश्व कप खिताब जीतने में नाकाम रही. पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में हुए विश्व कप में भारत सुपर-12 में ही बाहर हो गई थी. इस बार टीम इंडिया सेमीफाइनल से बाहर हो गई. इस तरह 2013 से चला आ रहा खिताबी इंतजार जारी है. लेकिन इस कहानी का एक और हिस्सा ऐसा है, जो इस बार भी बरकरार रहा और वो है- विराट कोहली की बल्लेबाजी.

2013 में भारत ने आखिरी बार कोई आईसीसी खिताब जीता था- चैंपियंस ट्रॉफी. इसके बाद से ही टीम इंडिया की झोली खाली है. भारतीय टीम कुछ मौकों पर बेहद करीब आई भी. खास तौर पर टी20 विश्व कप में. 2014, 2016 और अब 2022 में भारतीय टीम खिताब के करीब थी और खिताब की दावेदार थी, लेकिन हर बार टीम इंडिया करीब आकर चूक गई.

2014 से 2022 तक नहीं बदली कहानी

  1. इन सभी टूर्नामेंटों में भारतीय टीम के लिए एक खिलाड़ी अगर पूरा जोर लगाता रहा, तो वह रहे विराट कोहली. इन तीन टूर्नामेंटों में भारत की ओर से विराट कोहली ने बल्लेबाजी में दारोमदार उठाया और कई मैचों में अकेले दम पर जीत भी दिलाई थी.
  2. 2014 में कोहली ने विश्व कप में सबसे ज्यादा 319 रन बनाए थे, जो आज भी एक रिकॉर्ड है. भारत फाइनल में श्रीलंका से हार गया. फिर 2016 के टूर्नामेंट में भी कोहली ने भारत के लिए सबसे ज्यादा 273 रन बनाए थे लेकिन टीम इंडिया सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज से हार गई.
  3. अब 2022 में खराब दौर से वापसी करते हुए कोहली ने एक बार फिर रनों का पहाड़ खड़ा किया और 6 पारियों में सबसे ज्यादा 296 रन बनाए. एक बार फिर भारत सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हार गया.

हर मैच में बड़ी पारी

सिर्फ इतना ही नहीं, कोहली ने टूर्नामेंट में भारत के हर आखिरी मैच में भी अपना पूरा जोर लगाया और खूब रन बनाए थे. 2014 के विश्व कप फाइनल में कोहली ने सबसे ज्यादा 77 रन बनाए थे. फिर 2016 के सेमीफाइनल में भी वेस्टइंडीज के खिलाफ कोहली ने सबसे ज्यादा 89 रन बनाए थे. इस बार सेमीफाइनल कोहली ने 50 रन बनाए लेकिन फिर टीम इंडिया ने निराश किया. कुल मिलाकर कोहली के बल्ले से निकले रन भारत को मैच तो जिता गए, लेकिन उन मैचों की बुनियाद पर टीम इंडिया खिताब नहीं जीत पाई.