छत्तीसगढ़ः बच्चा चोरी के शक में मानसिक रोगी की दौड़ा-दौड़ाकर लात-घूंसों से पिटाई, पुलिस ने नहीं किया केस दर्ज

दुर्ग। जिले में बच्चा चोरी की अफवाह फैलाकर तीन साधुओं की पिटाई करने के बाद अब एक मानसिक रोगी को पीटने का मामला सामने आया है। मामला उतई थाना क्षेत्र के मचांदुर चौकी अंतर्गत घोपली डी पारा गांव का है। यहां कुछ युवक मानसिक रोगी को दौड़ा-दौड़ा कर पीट रहे थे। इतना सब हो जाने के बाद भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया है।

मचांदुर चौकी प्रभारी श्याम सिंह नेताम ने बताया कि गुरुवार शाम 5 बजे के करीब उन्हें सूचना मिली थी घोपली डी पारा गांव में कुछ लोग एक शख्स को पीट रहे हैं। जब पुलिस वहां पहुंची तो पता चला कि कुछ लोगों ने बच्चा चोरी का आरोप लगाकर एक मानसिक रूप से विक्षिप्त की पिटाई कर दी है।

इसके बाद पुलिस विक्षिप्त को गाड़ी में बिठाकर अस्पताल लाई। वहां उसका इलाज हुआ। अब शख्स को चौकी में रखा गया है। पुलिस मामले को पूरी तरह से दबाकर उस पर कार्रवाई करने की जगह विक्षिप्त को जिला अस्पताल दुर्ग भेज रही है। इसके बाद उसे राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी बिलासपुर भेजा जाएगा। इस मामले में दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा का कहना है कि यह बहुत गंभीर मामला है। इसकी जानकारी ली जाएगी और आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।

टीआई बोलीं- शिकायत नहीं तो एफआईआर नहीं
इस मामले में उतई थाना प्रभारी नवी मोनिका पाण्डेय का कहना है कि मारपीट की किसी ने शिकायत नहीं की तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया है। जबकि घायल शख्स की मानसिक स्थिति इतनी खराब है कि वह पुलिस क्या होती यह तक नहीं जानता। माता पिता का नाम पूछने पर वह भोले, शंकर और पार्वती, दुर्गा का नाम लेता है। खाना देने पर पूरा खाना जमीन में फैला देता है और मात्र एक दो निवाला भोजन ही खाता है। उनका कहना था कि जब कोई शिकायत आएगी तभी पुलिस कार्रवाई करेगी।

साधुओं की पिटाई के मामले को भी पुलिस ने दबाया
भिलाई तीन थाना पुलिस ने भी चरोदा क्षेत्र तीन साधुओं की पिटाई के मामले को भी दबाने का प्रयास किया था। जब मामला सोशल मीडिया में आया तो दुर्ग एसपी को इस पर संज्ञान लेना पड़ा और 48 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद पुलिस मात्र 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर पाई है।